Thursday, February 28, 2019

महर्षि दयानंद जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से संपन्न


By Samachar Digital News
Chandigarh 28th Feb, 2019:- केंद्रीय सभा द्वारा आर्य समाज सेक्टर 7 बी चंडीगढ़ में आयोजित महर्षि दयानंद जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से संपन्न हो गया है।  वैदिक प्रवक्ता डॉ. विक्रम विवेकी ने प्रवचन के दौरान कहा कि महर्षि दयानंद जी ने समस्त जीवन मानव उत्थान के लिए लगाया। उनका आदर्श व्यक्ति था। यह तभी संभव है जब मनबुद्धि और शरीर में सुदृढ़ता आए।  महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने सत्य का पालन किया।  उन्होंने सत्य के अर्थ का प्रकाश किया। प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में देव है क्योंकि वह बच्चोंसमाज, देश और विश् को कुछ ना कुछ अर्पित करता है।  ज्ञान इकट्ठा करनागति करनाकर्म करते रहना और अपनी कमी को स्वयं से कहना आग्नेय है।  अग्नि तत्व आने से देवता से सूर्य बन जाता है।  सूर्य से अधिक प्रकाशमान कोई नही  है।     
डॉ. कृष्ण सिंह आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने 13 वर्ष की आयु में संपूर्ण वेद कंठस्थ किया था।  जीवन की घटना छोटी होती है परंतु वे जीवन की धारा को बदल देती है।  उन्होंने कहा कि विद्या से जितेंद्रयता बढ़ती है और अविद्या की डोर छूट जाती है।  स्वामी जी ने अपने जीवन काल में 66 पुस्तकें लिखी। इसके लिए उन्होंने 10000 मंत्रों का साक्षात्कार तथा 3,000 पांडुलिपियों का अध्ययन किया। धर्म सत्य पर आधारित तथा न्याय पूर्ण है। उन्होंने बताया कि ऋषि दयानंद ने विज्ञान के कई सूत्र दिए हैं।  डॉ. आर्य ने स्वामी दयानंद की कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने  वेद के मंत्रों का प्रयोग करना बताया।  राष्ट्र को राष्ट्र की तरह समझाने वाला मध्यकाल में स्वामी दयानंद ही थे।      
स्वामी विदेह योगी ने कहा कि ऋग्वेदादिभाष्य सारा शोध कार्य है।  स्वामी जी ने वेद को भाषित किया है।  इसका उन्होंने संस्कृत और  हिंदी दोनों में भाष्य  किया है।  संस्कृत भाष्य विद्वानों के लिए तथा हिंदी भाष्य जन सामान्य के लिए था।  स्वामी जी ने शाब्दिक नहीं बल्कि योगिक भाष्य किया।   जिस प्रकार पक्षी के दोनों पक्ष अर्थात पंख मजबूत होने चाहिए वैसे ही मनुष्य जीवात्मा में भौतिक और आध्यात्मिक पक्ष  प्रबल होने चाहिए। उन्होंने कहा कि शस्त्र और शास्त्र से हमेशा तैयार रहना चाहिए।  स्वामी दयानंद का दुर्लभ व्यक्तित्व रहा।  उनमें दया और आनंद दोनों ही थे।
कार्यक्रम से पूर्व भजनोपदेशक पंडित उपेंद्र आर्य ने  मनमोहक भजन प्रस्तुत किए। केंद्रीय सभा के प्रधान रविंद्र तलवाड़ ने उपस्थित अतिथियों तथा लोगों का धन्यवाद किया। 
प्रकाशचंद्र शर्मा ने मंच का सफल संचालन किया। 
केंद्रीय आर्य सभा के मीडिया सलाहकार डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि सुंदर झांकियों के लिए केबीडीएवी सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल सेक्टर 7 बी और डीएवी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल 15 को प्रथम, डीएवी सीनियर सेकेंडरी  स्कूल सूरजपुर और डीएवी पब्लिक स्कूल मोहाली को द्वितीय पुरस्कार तथा डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल-8, पुलिस, पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल पंचकूलाडीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर 8 चंडीगढ़ को तृतीय स्थान मिला।
इस मौके पर  जस्टिस  एएल बाहरीबीआर गुप्ता,   कर्नल धर्मवीररघुनाथ आर्य, धर्मवीर बत्राश्रुति कांतमधु बहल, डॉ. अजय गुप्ताआर्य  समाजों  के सदस्य तथा पदाधिकारी और डीएवी शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकगण, प्राचार्य  तथा गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।




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