Thursday, September 5, 2019

प्रजन भारत प्रोजेक्ट: उत्तर भारत के एन जी ओज के लिए कार्यशाला का आयोजन: उत्तर भारत से 50 से अधिक एन जी ओ ने लिया भाग: बच्चों के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट कराने का दिया गया प्रशिक्षण


By Samachar Digital News
Chandigarh 05th September:- प्रजन भारत प्रोजेक्ट के तहत विभा वाणी, नेशनल एसोसिएशन ऑफ साइकोलॉजिकल साइंस तथा सेफ हैंड्स रिहैबिलिटेशन सोसाइटी के आपसी सहयोग से हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के एन जी ओज के लिए नेशनल साइकोमेट्रिक एप्टीट्यूड क्वेस्ट पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज कैंपस में स्थित राजीव गांधी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ युथ डेवलपमेंट के सभागार में 50 से अधिक एन जी ओज ने हिस्सा लिया।
पंजाब यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजिकल विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर रोशन लाल ने बताया कि कार्यशाला के दौरान एप्टीट्यूड टेस्ट के बारे में चर्चा की गई और स्टेट कोऑर्डिनेटर को ऑनलाइन होने वाले टेस्ट के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि ये टेस्ट कक्षा 06 से 12 तक उन बच्चों के लिए है जो कंप्यूटर सेवी होंगे, और अपने कैरियर के प्रति सजग है। डॉक्टर रोशन लाल के अनुसार ये टेस्ट गवर्मेन्ट स्कूल के बच्चों के लिए फ्री है और प्राइवेट स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए 250/-रुपये प्रति स्टूडेंट है। इस टेस्ट की रजिस्ट्रेशन 15 अगस्त से शुरू हो चुकी है और 30 अक्टूबर अंतिम तिथि है।टेस्ट की तारीख 24 नवंबर से 07 दिसंबर तक तय की गई है और टेस्ट के परिणाम की घोषणा 24 दिसंबर को की जाएगी। डॉक्टर रोशन लाल के अनुसार ये टेस्ट पूरे भारतवर्ष में लिया जा रहा है। एन जी ओज को ट्रेनिंग देने की कार्यशाला पश्चिम, दक्षिण और पूर्व भारत मे सम्पन्न हो चुकी है। उत्तर भारत के लिए ये आज आयोजित हो रही है।
विभा वाणी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एन पी राजीव ने बताया कि आज कार्यशाला के दौरान स्टेट कोऑर्डिनेटर और उनके साथ आये एन जी ओज को टेस्ट के बारे में प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस टेस्ट का उद्देश्य छठी कक्षा से ही बच्चों में अपने कैरियर के प्रति सजगता लाना है। ताकि 12वीं कक्षा तक वो अपने आप को पूर्णतः सक्षम कर लें। एन पी राजीव के अनुसार इस टेस्ट का उद्देश्य यह भी है कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों को आगे लाना ताकि पैसे की कमी के चलते वो इस टेस्ट से वंचित न रहे। उन्होंने आगे बताया कि 12वीं के बाद बच्चों की काउंसलिंग कर उनके रिजल्ट अनुसार उनके कैरियर के प्रति उचित गाइडेंस दी जाती है।

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