By Samachar Digital
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Jan-2020:- मोहाली के छोटे से गांव 'मानना' में पैदा हुए पांच भाई-बहनों मे चौथे नंबर की संतान व किसान पिता के पुत्र, मनु सिंह ने पांरपरिक खेती से हट कर कला के क्षेत्र मे अपना भविष्य बनाने का विचार किया। बचपन से ही मनु का रूझान थियेटर की तरफ था, लेकिन परिवार का थोड़ा सा दबाव पढ़ाई को लेकर भी था। इसलिए पहले अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की ओर छुप-छुप कर थियेटर भी करते रहे।
मेहनत से आगे बढ़ते हुए पटियाला की पंजाबी युनिवर्सिटी से सन 2012 मे टुकड़े - टुकड़े जिदंगी नामक नाटक के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड हासिल किया।ओर फिर इस कारनामे को 2014 मे दोहराया इस बार डाक्टर साहिब सिंह "हीर " के नाटक आद्ध कुवांरी के लिए। इस के साथ- साथ 2013 मे रोशन प्रिसं की पंजाबी फिल्म 'किरपाण' मे सेकंड लीड एक्टर का रोल किया ओर दलजीत दोसांझ की फिल्म साडी लव स्टोरी, मे भी मुख्य भूमिका निभाई। इतना ही नही बतौर गायक भी अपनी प्रतिभा दिखाई ओर सन 2017 मे 'जिम वाले यार' से अपना सोलो ट्रेक लाँच किया, साथ ही विरासत का गाना ब्लड तथा वायस आफ पंजाब का नंद के गाने मे लीड रोल किया, जबकि एक गाने पर्चे मे लीड विलेन का किरदार निभाया, अपनी आने वाली फिल्मों, निंजा की जिंदगी- जिंदाबाद ओर दीप सिद्धु की जोश को लेकर काफी उत्साहित है। साथ में कमल खान के एक गीत मे भी लीड रोल किया है फिर मन मे विचार कौंधा कि क्यों न फैशन माडलिंग मे हाथ आजमाया जाए ओर जैसे वाहेगुरु की मेहर हुई इसमें भी कामयाबी ने कदम चुमे लगभर एक वर्ष तक अपनी कामयाबी का जलवा बिखेरा ओर इन सब मे तालमेल बैठाते हुए 2018 मे "कैम्जं" के नाम से फैशन ओर माडलिंग की एजेंसी खोली ओर पहला कामयाब शो बीते साल की आखिरी रात को सन्नी ऐनक्लेव मे किया। लेकिन थियेटर से जुड़ा हुआ ये शख्स आज भी थियेटर को अपना पहला प्यार मानता है और पिछले दस साल से यानी 2011 से आज तक किसी न तरह समय निकाल कर कोई न कोई थियेटर का नाटक करता है, जिससे इसकी आत्मा को सकून ओर दिल को आराम मिलता है।
अपनी वर्तमान सफलता ओर मुकाम का सारा श्रेय मनु, ईश्वर के साथ- साथ अपने परिवार को देते हुए कहते हैं कि उनके सहयोग से ही वो यहाँ तक पहुंचे है।
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